1.

जो विचार करो
पाणी मंय रैवु
तो मगौर थकी बीवु
तो बीता ज रौ
आखी जिंदगी।

पाणी मंय रैवु
ने मगौर थकी हूं बीवु?

तो जीवता रौ
आखी जिंदगी।
पाणी भी ई ज
ने मगौर भी ई ज
फरक तो आपड़ा
विचार नो ज कैवाय...

अेक आले
लड़वानी ताकत
ने बीजो अलावे
शरणागति!

 

2.

दीवाळी नो
बीजो दाड़ौ
बार मईना नो हपरवो दाड़ौ
अेक-बीजा ने
घैर जावु
गळै मलवु,
पौगे पडवु
पण दाडू जँ एने घेरे
हपरवे दाडै भी हूं जावु?
ने कारैय न्हे ग्या
एने घेरे
हपरवे दाडै हूं जावु????

स्रोत
  • सिरजक : आभा मेहता 'उर्मिल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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