जग भंवती जीयाजूण रा

अबखायां सूं बाथेड़ा

सै स्यूं मोटी जंग है।

जणा क्यूं दरकार है

थाने और दूजी जंग री?

जाणां थारी चतराई

थारै हथियारों से व्यौपार है,

पेट री जंग में अझड़ो

मानखो लाचार है।

बो रोकै भी तो कियां रोकै

लूठां री डांग, कद पाड़ी डोकै?

पण थारी कुचरणी

कदै थारै पेस आवैली,

थारी फेंकेड़ी चिणखारी

थानै बाळ ज्यावैली।

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : प्रहलाद राय पारीक
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