म्हें देखी
फूलां सूं सजी
तो कोई हरया पत्ता सूं जडी
भांत-भांत री वेलड़ियां
कोई अडग
तो कोई सोरम
वखेरती
वेलडिया
इण भांत-भांत री
न्यारी-न्यारी वेलडिया
री अेक वात आम है
अर आ है
रूंखडा रो सहारो
वगर रूंखडा रै सहारे
ई वेलडिया
पनप अर फल-फूल कोनी सके
पनपणो अर फलवा-फूलवा रै वाते
अेक रूंखडा रो सहारो
वेणो जरूरी वेसी
पण कठा हुदी
कदी तक
म्हूं इण नान्ही वेलडिया ने
इण रा जलम सूं ईज
वगर रूंखडा रे सहारे
पनपाउला
अर ई वेलडिया ने
खाद-पाणी देय अर
ई भांत मजबूत करणो चावूं
कि इण वेलडिया ने
कदी बी फलवा-फूलवा
अर आगे बढवा सारू
कणी रूंखडा रा सहारा री
जरूत कोनी पडे
वो दन वेगो उगेला
जद संगळी वेलडिया
वगर रूंखडा रे सहारे
पनपेला, फले-फूलेला
अर संगळा रूंखडा
आंख्या फाड अर
वेलडिया ने देखता रेय जावसी
म्हनें वी दन रो बेसबरी सूं इंतजार है
म्हारी मेणत
सफल वेसी अर वो दन
घणो वेगो उगसी॥