लोग नीं जाणै
अचूंभै जेड़ी नीं है बात
डोळा काढ़तै तावड़ै
सिसकै पण छोडै नीं प्राण
कींकर खेजड़ो!
अेकर जद बरसी बादळी
खेजड़ो भोज्यो-
छिकियो पाणी मेहामेह!
जीवै अजेस
उबारै उण याद रै!