मरुधर में

भांत-भांत रा लूंठा रोग

अठै क्यूं आयो

गूंगा बावळा म्हारा फ़ोग!

धोरी नै

जद सूं रामजी बसायो

मरग्यो बापड़ो

मरूधर में तिसायो

तूं किण रो भेज्यो आयो फ़ोग?

धन बळै

तन बळै

बळै तपता सगळा धोरा

ठाह नीं तनै क्यूं लागै सो’रा

कीं दिन और हर्‌यो हरखलै

फेर अठै होवैला बाळणजोग!

मरुधर में

भांत-भांत रा लूंठा रोग

अठै क्यूं आयो

गूंगा बावळा म्हारा फ़ोग।

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