ट्रैक्टर ल्यावण रो

सै सूं सबळो तरक हो

कै ऊंट अर बळद

कोनी पोसावै

बै तो ठाला

खड़्या खावै।

ट्रैक्टर बापड़ो

चालसी

तो तेल खायसी...

अेक दिन

ट्रैक्टर आयग्यो

बळद, ऊंट

बूई- बांठ

हाड- गोडा

घर-जमीन

सो कीं खायग्यो।

स्रोत
  • सिरजक : जगदीश गिरी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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