अबर। ऊभो ताक, पखेरू उडता रहसी

लह लह जासी खेत, कूपळा आसी जासी

उजड्या रहसी माळ, पानड्या झडती जासी

गुडता रहसी चक, जमाना पलटा खासी

पण भावा रा पाल, बायरो भरता रहसी

अबर ऊभो ताक, पखेरू उडता रहसी

खिलता रहसी फूल, कळ्या झड जासी कोरी

कदे भतूळ्या बड, मलय री ठडी मोरी

घिरसी काळी रात, चचळा कामण गोरी

पण, पापा रा सदा बळीता बळता रहसी

अबर ऊभा ताक, पखेरू उडता रहसी

कदे लेखणी मद, कदे तूफान मचासी

कदे कलपना साच-झूठ मे गूयी जासी

आदरसा रा कदे पुजारी ठोकर खासी

दिव रा बोझल वाट रात सू लुळता रहसी

अबर ऊभो ताक, पखेरू उढता रहसी

जीवण होसी तग, काळ री खिडक्या खुलसी

धधकैला बै कुण्ड-जीवरी सासा ढळसी

धण-विध होसी रोस, उडती पाखा बळसी

अबर ऊभो ताक, पखेरू उडता रहसी

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान के कवि ,
  • सिरजक : रतनलाल दाधीच ,
  • संपादक : रावत सारस्वत ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य संगम (अकादमी) बीकानेर ,
  • संस्करण : दूसरा संस्करण
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