थूं थापै थेपड़्यां

जचावै वांनै इण ढाळै

जियां जचै

आपां रौ जोड़ौ।

थेपड़्यां रै मिस

आपणौ मिलणौ

म्हैं कोसांकोस आंतरै

थूं फोन माथै गिणावै

जोड़ा थेपड़्यां रा

कै आपणा इत्ता जोड़ा बणग्या

थे आवौ

गिणल्यूं !

स्रोत
  • पोथी : थारी मुळक म्हारी कविता ,
  • सिरजक : गौरी शंकर निम्मीवाल ,
  • प्रकाशक : एकता प्रकाशन
जुड़्योड़ा विसै