थारी चिरळाट

जागै सुरसती

रचण लागै साम

सांसां सूं

पीड़ पीवती पीढियां

मांगै नुंवौ छन्द

मां थनै

फेरूं बिलखणै पड़ैला!

स्रोत
  • पोथी : घर तौ एक नाम है भरोसै रौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रम्मत प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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