म्हैं

जकौ कमायौ

वो

सगळौ साच है

नै कैवूं जकौ,

वो सगळौ कूड़ है...

म्हैं नीं कैवूं

क्यूं कै

थां कैवौ!

स्रोत
  • पोथी : डीगरां-डीगरां ,
  • सिरजक : शंभुदान मेहड़ू ,
  • संपादक : धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : रॉयल पब्लिकेशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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