ताकड़ी बणाणियै
जरूर कई बरस
लगाया होसी,
सोच्या-बिच्यारी में,
कै इस्यो कांई बणाऊं?
जको सबनै तोल’र
बरोबर मिलै
अर किणी रै साथै
अन्याव नीं हुवै
बाटां रो पालड़ो न्यारो
अर दाणा-फाकां से न्यारो,
काण नीं रैवै कठै ई।
बापड़ै घणी'ज जुगत लगाई
पण बणतां ई ताकड़ी
बांदर ले भाज्या
अर आजकाल
टुकड़ां खातर लड़ता
बिलोड़ां रा
बै ई पंच है!