सुण म्हारा साथी

पग-पग पै कांटा है

मारग में भाटा है

घणों विकट मोड़ है

सुभीतो फगत अेक पल रो

खतरो घणों करोड़ है

पण,

फैर भी म्हैं चालूंला

थांरै लार—धारा री भांत

सुण म्हारा साथी

म्हैं अंगीकार करूंला

आखर—आखर में

सांस—सांस में

हर संघर्ष में थारो साथ

आपणां हेत री बणी रैसी

सदीव बात

सुण म्हारा साथी

कोनी मिटैला थारो नाम

म्हारी भांत

सदीव रैवैला हिरदा में

फूल री भांत

गुलाब, चम्पा, चमेली बण’र

म्हारी अरज है

आपणो प्रेम

खेत माटी है

आखर पाटी है

लहराती फसलां

आपणां प्रेम रो सबूत है

रामजी सूं अरदास

आपणां प्रेम रो कूंत है

सांच है

प्रेम रै मारग में आंच है

कांटा-भाटा विकट मोड़ है

डरप नै गमावणों है

हर कदम पै साथ निभावणों है

सुण म्हारा साथी

म्हारा सबद

क्रांति—बीज बणैला जरूर

अेक दिन

म्हैं हेताळू भायलो

उम्मीद रो, आशा रो

सुण म्हारा साथी

अगर प्रेम में मर भी गियो

मिटग्यो तो भी कांई

बाकी रैसी म्हारा गीत

बाकी रैसी म्हारी प्रीत

गीत जलमेला जरूर

अेक दिन बीज री भांति

बधेला

उलटो सीधो पड़्यो बीज

खेत पड़्यो उगेला

उणनै मिलै

जमीन री नफरत

जमीन रो पिरेम

बिछोह रो दरद

अपमान री आंधी

अठै नी तो बठै?

पण जावैळा कठै?

सुण म्हारा साथी

ना—उम्मीद मत बण

उठ

जितरी ताकत तोप में हुवै

उतरी बारूद में हुवै

कलम रो खौफ

तोप सूं कम नी हुवै

आखर-आखर परमाण दिरासी

थारा पड़पड़ाया होठां पे

मुळक जरूर आसी अेक दिन।

स्रोत
  • पोथी : पखेरू नापे आकास ,
  • सिरजक : इन्द्र प्रकांश श्रीमाली ,
  • प्रकाशक : अंकुर प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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