पाणी

बैवै ऊपरां सूं नीचै

चुपचाप

बणावै आपरौ मारग खुद

आवौ भलांई कितरा अटकाव

पण

करै लगौलग आपरौ काम

अर पूग जावै

आपरी मजल तांई

कै सूख’र मेट देवै

आपरौ अैनांण

देवै सीख मिनख नै

चुपचाप लगोलग

आपरौ काम

करियां ईं

मिलै मजलां

अर मिटती जावै

अबखायां

आपौ आप

तौ पकड़ गेलौ

मजलां मारै हेलौ।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : वाजिद हसन काजी ,
  • प्रकाशक : अपरंच प्रकासण
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