जियां चूसनै थूक्योड़ी

गुठळी सूं,

जे दिनमान सावळ हुवै,

तो कीं दिन खाय'नै

उग आवै

अड़क बोरड़ी

बियां ही बेट्यां

अड़क ही ऊगै,

अर जको बूंटो

अड़क उगै,

बो चाये राम भरोसै ही पळै,

पण बीं री जड़ हरी हुवै।

बणेड़ी बात है...!

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : प्रवीण सुथार ,
  • संपादक : रामस्वरूप किसान
जुड़्योड़ा विसै