टिरै तिरस

पग पग

रीतै अंतस

नीं टिरै चितराम

थिर तिरस रा!

भोळावै

पीढ़ी दर पीढ़ी

जूण दर जूण

लागै दूभरिया

तिरस अनंत!

स्रोत
  • पोथी : भोत अंधारो है ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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