हवेली री पीड़
आंख्यां गीड़
उमड़ती भीड़
सूनी छोड़गा बेटी रा बाप
बुझायगा चूल्है रो ताप
कुण कमावै
कुण खावै
कुण चिणावै
कुण रह्वै?
जंगी ढोलां पै चाल्योड़ी तराड़
बोदी भींता रा
खिंडता लेवड़ा
भुजणता चित्तराम
अर
नींव रै औळ्यां-दौळ्यां
लाग्योड़ी लेदरी
बतावै
इण रै भूत-भविस अर
बरतमान री कहाणी
कीं जाणी-कीं अणजाणी?
आदम खोर मिनख
बैंसग्या पड़्योड़ा सांसर ज्यूं
भाखर मांय टांडै
जबरी जूण अर जमारो मांडै
काकोसा
आप रै जीवता थकां
इण री भींत माथै
अेक कीड़ी नी चढणै देंवता
पण
इण कुपेड़ी टेम रै आगै
किण रो जोर?
काकोसा कांच री फूटरी फ्रेम मांय
भींत उपरा टंगगा
पेट भराई रै जोगाड़
सारो कडूंबो
छोड्यो देस
बास्यो परदेस
ठांवा रै ताळा
पोळ्यां में बैठगा
अबै
ठाकर रूखाळा
टूट्योड़ी सी खाट
जिण पै ठाकरां रा ठाठ
तमाखू रो गट्टो
चिलम अर सिगड़ी
साफी भेवण सारू
कूंणै मांय उतर्योड़ो घड़ो
गंडक अर
अटळाखू सांसर
घेरणै वास्तै अेक लाठी
जिण री पेठ काठी
मूंछ रै मरोड़ी लगा'र
खंखारो करता
ठाकरां बोल्या
कांई बतावां सा
सेठां जात-झड़ूलां आसी
आप-आप रै डोळ सारू
सै ही कीं पासी
इतणै मांय
इण जुग रै रिवाज मुजब
कीं दूजै देसां रा
सैलाण्या रो हुलरो आयो
चित्तरामा अर मेमां री
छिबिया नैं
आपरै मुलक
लेज्याणैं री होड
फोटवां तारै
कोडूं-कोड
फ्लेस रा पळकां लारै
टींगर उभाणा भाजै
भीड़ मांय सेैंग अकण सार
कुण सो किण सै लागै?
रापट रोळा सुणनै
काकोसा
भींत पर सूं ही टांड्या
सगळा रा जमारा भांड्या
अर
गाळ्यां रा सीटणा सुणावता
सुणावता
टळक सूं
आंगणै मांय
पड़ग्या
अर
खिंडगा
कांच रा किरच्या-किरच्या
भींतां रै
औळ्यां-दौळ्यां
अेकर
औज्यूं
बिखरगा
सोनल-सुपना
आंगणै मांय
बडका
बिचारा
सांची ही कहगा
जीवण जावण हार
रहसी
किस विद?