तू क्यूं
मन ई मन मांय
गुस्सो लावै।
मैं भी
बाबा, बीमार व्हया जद
इणी'ज तरा सूं
उणी रै
पगां माथै लागोडड़ौ मैलो
अर मैला सूं भरियोड़ा
गाबा नै पूंछिया-हा
वां रै कनै रै न गन्दो
थूक साफ करणों
दस तरां री दवा-
दिन मांय तीन टैम दैवणी-
अै सगळा करतब करणा
इण सारू नीं कै वै म्हारा
बाप हा, इण सारू कै
वो बुढापौ हो
अर वौ बुढ़ापौ
इण ताक में रैतौ
कै कद छौड़े अै
म्हारै मांचै रा पाया
अर म्हैं
खुद सुतंत्र व्हैने
करूं म्हारौ काम
नित म्हारै हाथ
जदकी
बै-तीन जीणां उणानै
उठावतां-बैठावतां ध्यान राखता
पर बाबा, चुपचाप
उठण री कौसीस करता।
बेटा,
तू क्यूं गुस्सो लावै
मन ई मन मांय
क्यूं तू ठेस पुगावै
इण बुढ़ापै रै
अरमांण नै
अबार बैठौ हूं
मौत रै कगार माथै
नीं जांणू कद
आ जावै उण
मुगती रौ संदेस
अर व्है जावूं
पार,
देख,
देख
म्हारी हिस्ट्री
ले उधार
म्हैं जिण तरै
भरिया पांवडा
भलां ई, उण भांत
मत भरजै
पण याद राखजै
मिनख री आत्मा री
आसीस
याद राखजै उण आंख्यां
रा आंसू नै
इण धूजता पगां
अर बंध्योड़ा हाथां नै
औ निमता माथा
जद थारै सूं मदत मांगै
तृं मत डरजै
खोल नै थारौ आपौ
व्है जियां थांरै साथ
क्यू’क औ मिनखां रौ मारग है
ऊजलौ फूठरौ पुरूषार्थ
अर करतब रौ पंथ
देख बेटा मानजा।