मसीन रै सिटल मांय उळझ्योड़ै तागै

नैं काढ़ण री आफळ मांय कद माँ रो

सिटल तागां मांय उळझज्यै।

झानरकै चीड़ी बोल्यां ठाह पड़ै।

स्रोत
  • पोथी : साहित्य बीकानेर ,
  • सिरजक : कुमार श्याम ,
  • संपादक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : महाप्राण प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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