बैन थाळी मांय धरै राखी

भोजाई भाई नै सैन करै

राखी री कीमत मुजब...

भाई थाळी में रिपिया धरै

बै इज रिपिया

बा झलावै भतीजा नै

सगळां री निजर सूं ओलै

अर बावड़ ज्यावै आप रै घरै

राखी बंधवाणै रै मिस।

हिवड़ै में घाव झरै!

स्रोत
  • पोथी : अंतस दीठ ,
  • सिरजक : रचना शेखावत ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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