गाजै सावणिये रा लोर
उठै घटा घन घोर
करै मोर सोर तूं आज्या
म्हारै मनड़ै रो भरम मिटाज्या
मायड़ बाबुल छोड़'र थां संग आई
संग सहेल्यां छोड़ी, भाई भौजाई
नहीं चालै म्हांरो जोर
सून्नी म्हांरी लागै पोर-पोर
म्हांरी प्रीत पोळ खड़काज्या॥गाजै...॥
रिमझिम रिमझिम च्यांरू कूटां बरसै
म्हैलां मांही मरवण थारी तरसै
कुदरत करै है किळोळ
बागां माची रिमझोळ
गजबण बैठी अणबोल तूं आज्या॥गाजै...॥
मैंदी रचरी लाल सुरंगी हाथां
सून्नी लागै धोळी चांदणी रातां
सखियां उण्डा बोलै बोल
सरवर भरिया तिरिया पोळ
थारा कोल बचन निभाज्या॥ गाजै...॥