झरझुर रोवे आज चिडकली
भर भर बाथां रै।
मुड मुड लारै जोय
पडे पग पाछा पाछा रै।
कियां भुलावूं घर आंगणियो
कियां गवाडी अर गलियां।
कियां भूलीजे पिणघट नाडी
संग सखी अर साथणियां।
सातमताली लुकणीं छिपर्णी
गुड्डा गुड्डी रामतिया।
आज उणमणीं गाय गौरडी
टुगटुग जोवे टोगडिया।
कियां भूलूं बालपणें,
रा खेल तमाशा रै।
मुड मुड लारै जोय पडे,
पग पाछा पाछा रै।
बाबुल म्हांने लाड लडाई
मायड गोद खिलाई रै।
पलकां माथे राखी म्हांने
छाती रे चिपकाई रै।
बाबुल थारे बागां री हूं
म्हैं तो सोन चिडकली रै।
फूंदी ज्यूं फिरती रेंती ही
म्हैं तो एक फिडकली रे।
कियां भुलावूं बे दिनडा...
अर कियां बिसारूं रातां रै।
मुड मुड लारै जोय पडे,
पग पाछा पाछा रै।
डब डब नैणां आंसूं ढलके
छाती भर भर आवे रै।
भीज गयो झीणों घूंघटियो
हियो हिबोला खावे रै।
भावज ऊभी डुसक्यां खावे
बीरो धीर बंधावे रै।
छाती नें करडी कर बाबुल
माथै हाथ फिरावे रै।
बाबोसा सुं लिपट गई...
आ जांतां जांतां रै।
मुड मुड लारै जोय पडे,
पग पाछा पाछा रै।
पाली पोसी हुई पराई
ले सीखडली चाली रै।
कितरो लाड लडायो बाबुल
किता जतन सुं पाली रै।
धीरज छूट गयो मायड रो
झर झर आंख्यां राती रै।
जडी जीव री लाडेसर तूं
रेईज्यो आंती जांती रै।
तिवाडी रो गलो...
रूंधीजे गांतां गांतां रै।
मुड मुड लारै जोय पडे,
पग पाछा पाछा रै।
झुरझुर रोवे आज चिडकली,
भरभर बाथां रै।
मुडमुड लारै जोय,
पडे पग पाछा पाछा रै।