इकलंग!
उफस-उफस आवै
म्हारीं आंख्यां आगै
अेक धपड़बोझ बळतो
मरुथळ
अर बिकराळ हुयनै सिलगै
किरोडूं आंतां रै बिचाळै
मैं नीं जाणूं
कै क्यूं अळगो अर अळगो
हुंवतो जावै—बादल
सांयंत रो
बेशक!
बादळ रो टुकड़ो
रोटो जितरो ई लांबो हुय सकै
का रोटी रो टुकड़ो बादळ जितरो
कोई फरक नीं पड़ै
पण, पतो नीं क्यूं
लंबो अर लंबो हुंवतो जावै
आंतरो
पेट रै तिकूंटै मरुथळ रो
सांयंत रै बादल सूं
बियां आपां आंक सकाँ हां
लंबाई, चवड़ाई अर डिघाई
मरुथल रै तिकूंटैपण री
कै जिणरी अेक भुजा
पेट है
दूसरोड़ी मुंहडो
तीसरी रोटी रो टुकड़ो
ओ अेक घणो दोरो
सवाल है
रेखा गणित रो।