काम (दफ्तर मं) कराणों ही तो कछु लेल्यां देल्यां।

गरज आपणं बाबू हीं बाप कहल्यां।

अफसर तांई तो बाद मं पहुंचेगी फाईलां

दस्तखत होवेगा ऊं मुंच्छेदर बाबू का पहल्यां।

बेधड़क नोट मेज के नीचे सूं दीजे,

डरे मति काम कराणों तो गहल्या।

काम छोटो हा वे यो मोटो फाईल तो फाईल ज्यूं चाले-

कहीं उड़ भी नं ज्या बजनी भाटो महल्या।

मोडो मति हो देख लंच नं होज्या-

शाम भी बेगो जावेगो बाबू फिल्म के पहल्यां।

स्रोत
  • पोथी : कळपती मानवता मूळकतो मनख ,
  • सिरजक : रामदयाल मेहरा ,
  • प्रकाशक : विवेक पब्लिशिंग हाऊस, जयपुर
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