सुणो हो के!

पैलड़ा नेता

गाळी-लाठी-गोळी

स्यूं लेकर

जेलां में

फांसो भी खाई है,

स्याणी!

जणाँ-ई तो

आज का नेता

खुल्ला सांढ होगा,

बां कै नाम पर

करोड़ां की

कमाई है।

स्रोत
  • पोथी : सुण स्याणी ,
  • सिरजक : भगवती प्रसाद चौधरी ,
  • प्रकाशक : रसकलश प्रकाशन
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