जद-जद

आयो हूं

इण गळी में

लागै जियां

पैली भी

आयो हूं अठै

अै उणियारा, बातां

पैलां भी

देख्या-सुण्या है कठैई

कठैई कांई

स्यात अठै ईज

तो कांई कीं

म्हारै सूं भी पैली

हो अठै?

कै म्हैं ईज आयो हूं

अठै कई ताळ बाद।

स्रोत
  • पोथी : अैनांण ,
  • सिरजक : आशीष पुरोहित ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन
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