सबद

-लीला है

ढीला है -

जे तार वीणा रा

तो नीं सधै सुर सांतरा

लगावो भलाई पैंतरा

- भांत- भांत रा

समझै फगत स्याणो

सबद

-वसीला है

-लीला है।

स्रोत
  • पोथी : कारो ,
  • सिरजक : प्रमोद कुमार शर्मा ,
  • प्रकाशक : ज्योति पब्लिकेशन्स, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण