कुआं का ढाणा पै
गांव की छोरी
पाणी खींचै—
लाज की ओट सूं
छोरा कू देखै
पाणी में झांकै
छोरी को रूप
पाणी में हालै
वा लाजां सूं मर जावै
लूगड़ी संभालै!