कुण दीनी आ लोक नै
कैणारत बदनाम
रूप रुपाळौ
गुण बायरो
रोहिड़े रौ फूल
रूंख ओ रोहिड़े रौ
सागवान ओ मरुथळ रौ
शोभा संचै मोकळी
जीवां-जूण रौ आधार
लकड़ी इण री सांतरी
नामी व्है कारीगरी
खेती रा औजार
महल माळिया'र हवेलियाँ
री सोभा नर थूं
रोहिड़े नै जाण
द्वार बारणा तिपाई
ढोलिया री खाण
पागा लागै फूटरा
मै'मा अपरम्पार
कैणारत पर मत जाज्यो
लीज्यो बेग लगाय
सुरंगो लागै रूंखड़ो
ओ रुंखां रौ सिरताज
रुंखां में तो रूंख व्है
रोहिड़ो रतनार
पीळा-राता केसरिया
रंग बिखेरे फ़ाग रा
ओ फागण रौ
सिणगार!
बैठो नीचे दोय घड़ी
थे हेताळु सिरदार
फूल इण रा केसरिया
पूरै मन री आस
प्रीत रंग रा साँवठा
बिखरै च्यारुंमेर
चिड़कलियां बैठे मोकळी
चाव करै अणमाप
रस चूसै वौ फूलां रौ
करै किलोल अपार
रोहिड़ो है थार में
कलरव रो आधार।