आजकाल 'वीगन' आस निरास में गूगळ हूं लिखी आंख्यां देखी जमघट कचरो चुगण आळी बा छोरी काळी जीजी लीला रुंख री हत्या माटी जद बात संभाळी म्हारी डायरी मोरचंग मरुथळ री संस्कृति रोहिड़ो