थूं आवै तौ बणा

मारग

नींतर मारगां रा इण भीड़ा में

मारग कठै?

आवै

अर म्हारै घरै आवै

तौ बणै मारग

नींतर म्हारै घरै जावण रौ

अजतांणी कठै मारग?

थूं सिधाई

उणीज दिन थारै सागै रौ सागै

सिधायग्यौ मारग

उण दिन केड़ै

रैयगी आण–जांण

मारग तौ रह्यौ कोनी

अबै खाली–माली पग है

अर पगां सूं मारग टाळ

कठैई पूगीजै कोनी

हां,

थू आवै तौ बणै मारग

नींतर मारगां मारगां रा भीड़ा में

मारग कठै?

स्रोत
  • पोथी : मारग ,
  • सिरजक : चन्द्र प्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : देवल प्रकाशन
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