1

पंचा री पंचायत सोखी बात कोनी देखै,
आज री टैम म्है तो पईसा सागै बिकै॥

2

गले चढणे खातर निसरणी चाइजै,
जिंनगी म्है ऊचै चढण सारूं संस्कार चाइजै॥

3  

आज री टैम म्है सांचा प्रेम नै कम जणा ई समजै,
घणा मिनख तो आपरै मतलब च्यारु ई चावै॥

4 

साचो प्रेम करबा रो कैवण मायनै,
टैम निकाल बात करबा म्है फरक छै॥

5

हुकुम कपडो रो कांई रंग बदले है,
आज टैम म्है मिनख रो मन बी बदले है!!

6

आज रो मिनख दुख दुखी कोनी है!
जितरो दूजां रै सुख सूं दुखी है!!

7

आज रो मिनख माफी माग लेवै किनी आगै,
उण मिनख नै कमजोर समझण लागै!!

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : रामाराम चौधरी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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