म्हारो प्यारो राजस्थान रंगीलो राजस्थान।

सतरंगी इणरी पिछाण व्हालो राजस्थान।

भांत-भांत री बोली, यो बतळातो राजस्थान।

न्यारा-न्यारा इणरा पैराण प्यारो राजस्थान।

शेखावाटी री हवेलियां सूं पीछाणै छै राजस्थान।

चंग-ढप की धमाळ पर फ़ाग रमावै राजस्थान।

जयपुरिया की चूनड़ी सूं रंग जमावै छै राजस्थान।

मारवाड़ री माटी है धन्य तिलक लगातो राजस्थान।

प्रताप, मीरा, पद्मिणी रो मेवाड़ प्यारो राजस्थान।

जोधपुरी पाग री है पिछाण जग में धन्य राजस्थान।

बोली मीठी-मीठी है जोधाण, रंग-रंग है राजस्थान।

धोळा-धोळा धोरा थळवट रा अैनाण, प्यारो राजस्थान।

खींप आकड़ा रोहिड़ा इणरी जान, रूड़ो राजस्थान।

ऊंणा ख़ुणा रमै संस्कृति, हाड़ौती इणरी जान रंगीलो राजस्थान।

अनूठा रीत रिवाज़, मान मनवार लियोड़ो राजस्थान।

कूंचा-कूंचा में बखाण धरोहर समेट्यां राजस्थान।

केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारै राजस्थान।

रंग बिरंगी छटा बिखेरै च्यारूं मेर रंगीलो राजस्थान।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : मान कँवर ’मैना’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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