सुणो हो के!

बिना माँ-बाप को

छोरो

भारत में

राज करै है;

स्याणी!

आपणैं सपूत नैं

राजा बणाणै ताणी

आपां-दोनुबां में स्यूं

पैल्यां

कुणसो मरै है?

स्रोत
  • पोथी : सुण स्याणी ,
  • सिरजक : भगवती प्रसाद चौधरी ,
  • प्रकाशक : रसकलश प्रकाशन
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