बोलौ,

खुल’र बोलौ

भींतां कोनी सुणै

भींतां अळुझ्योड़ी है

आपसरी री राड़ में

बांदरा बंटाई में।

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : राजू सारसर 'राज' ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा