आंधळो मिनख

भाजतो जावै है

किचरतो धरती

धूजावतो आभो

करतो कुचमाद

परकत सूं

पूगसी कठै

नीं ठाह

पण पूगसी जठै भी

कांई हुसी बठै

धरती जैड़ी धरती?

पाणी जैड़ो पाणी?

पून जैड़ी पून

अर मिनख जैड़ो मिनख?

स्रोत
  • पोथी : कंवळी कूंपळ प्रीत री ,
  • सिरजक : रेणुका व्यास 'नीलम' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
जुड़्योड़ा विसै