ओ अेक खेल है—
म्हैं थारै टीको काढूं, थूं म्हारै टीको काढ।
सूनै माथै ओळखै लोग आपां नै
थूं काढ्यो टीको म्हारै, अर म्हैं थारै
पोमीजां आपां दोनूं..!
आ अेक रम्मत है—
म्हैं थन्नै पोथी देवूं, थूं म्हनै पोथी दे।
आपां जाणां अेक दूजै नै...
लोग ई जाणै आपां नैं
थूं दी पोथी म्हनै, अर म्हैं थन्नै
आं पोथ्यां सूं पोमीजां आपां!
उत्तरपातर करलां पोथ्यां
राखां हिसाब बरोबर...
म्हैं थारै टीको काढूं, थूं म्हारै।
टीकां जिण टैम काढीजै, बाजै ताळ्यां
कांई हिसाब है ताळ्यां रो
दूजै दिन कोई भूतोजी ई कोनी पूछै
का कोई पूछै है तो बता द्यो..?