विचारां री धजावां सांभ्यां

वाद री पछेवड़ी ओढ्यां

भाजता दीसै

केई आगीवांण।

सईकां सूं

दब्योड़्या-चींथ्योड़ा

मांणसां री पीड़ रौ

अणूतौ सेकौ ढोवता।

अैड़ी धजावां अर

जगचावी पछेवड़ी

वांनै पूगायदै सैं-ठोड़

वां सागी सिंघासणां माथै

जठै सूं मांनखै रै साथै

हुवै अणूंताई

जिनावर जैड़ी।

हाल बगत लिखारा

राजनेतावां सूं

वपराय लीन्ही

अंगेज लीन्ही

हदभांत

राज करण री खामचाई।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : राजेन्द्र शर्मा ‘मुसाफिर’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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