म्हारी मायड़ भासा
कांईमी खा री छै ठोचक्यां
कुण सूं पूछा..?
इनै पाळी छै
दूधमुंही बोलियां
ख्वायों छै अेक थाळी मं
मीठो-चूठो, सूको-पाको
करी छै...
दुःख सुख का तावड़ा मं
सारा राजस्थान की बहन बेटियां पै
ममता की लूगड़ी सूं छांव,
फैर बी पूछे छै,
राजस्थानी किसूं कह छै...?
थांईं बताओ
मायड़ भासा कांईमी
खा री छै ठोचक्यां
कुण सूं पूछां...?
पाळ्या छै जीं नै लोर्यां सूं
महाराणा सरीखा लोह मिनख
भर्या छै
राणा सांगा का घाव,
जलमी छै
त्याग की मूर्ति सी पन्नाधाय
मीरा सी जोगण
लछमी बाई सी विरांगना,
फेर बी खा री छै धक्का
राज की फाइल कै बारणै-बारणै
अपणी पहचाण कै वास्तै
लाचारी मं बैठी न्हाल री छै बाट
कद मलेगी उणनै ठाम,
कुण सूं पूछां...?
कांईमी खा री छै ठोचक्यां
मायड़ भासा
कुण सूं पूछा...?
जिंको लोंठो-ठाओ सिमरद्ध
बडो सबद कोस छै
पोथी-पानडा अर ग्रन्था मं
पुरातन सूं रह छै
जनमानस का निरमल मनड़ां मं
गंगा जळ सी बह छै
देस की सीमा लांघ'र
परदेसां का पोथीखाना मं
परदेसां मं बी रह छै ठाट,
फेर बी अपणा ई घर मं,
धक्का-मुक्की सह छै
कांईमी खा री छै
ठोचक्यां मायड़ भासा
कुण सूं पूछां...?
सरल सुघड़ मीठो पाणी सी
गुड़धाणी अर लापसी मं घी सी
पहली हर घर मं हांसै छी बोले छी
आंगणां मं खेलै छी
अब न जाणे क्यों...?
अधपाकी अंग्रेजी
अर
आडी-टेडी हिंदी हिरदा मं बैठाण ली
मायड़ भासा का बेटां नै
नं जाणै क्यो...?
माई वृद्ध आश्रम की नांई
खुण्या मं सरका दी
जाणै क्यों...?
घर की नेम प्लेट बदल दी
कुण सूं पूछां...?
मान्यता क्यों नं मलरी
अब हाल कुण सूं पूछां
माई नै ठिकाणो कद मलेगो
बेटा सूं पूछा के राज सूं
थांई बताओ
कुण सूं पूछा...?
मायड़ भासा मं रमी
लोक-संस्कृति नै
राजनीति अर झूठा मठेठ मं
मेला-खेळां का मंचा सूं खाच'र
नीचे फांकर्या छै लोगजणी
कुण सूं पूछा...?
कुण की जिम्मेवारी छै
मायड़ भासा नै सहेजबा की
अर संभाळबा की
कुण सूं पूछा...?
कांईमी खा री ठोचक्यां
म्हारी मायड़ भासा
कुण सूं पूछां...?