आ
नीं है कै
हूं प्रेम नीं कर्यो।
अर
आ भी नीं है कै
मनैं नीं कर्यो
पीड़ तो आ है कै
ओ प्रेम
भोत पोचो उतर्यो।
मेरी
बजनी बातां र बिचाळै
पोचोपन
फगत बिण प्रेम री पड़छायां है।