पिता थे

थे जामण जाया बीर

थे म्हारी भावज घर

गीगला।

थे थिर

अम्मर म्हारा बाप

चूंघो म्हारी भावज रै हांचळां!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : सन्तोष मायामोहन ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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