पिर पीर री
लिखण बैठी
घणा दिना रे बाद
आज हमझ मैं
आयो मारे जद
छुटियो पिर रो साथ
आज सासर
नाम ही रहग्यो
मारे आस और पास
वरस विता देर नी लागी
सासर व्ही ग्यो खास
सूरज देवता रे उगता ही
काम शुरु वै सासर माही
ज्यूँ ज्यूँ दिन चढ़तो जावे
काम धाम बढ़ता जावे
पीर पिर सु मन मा मारे
आग घणी बलती जावे
घणा टेम रे बाद वीयो
मन मा मारे एहसास
पीर सासरो लिखण बैठी
जद आयी या याद
आज सासर नाम
ही रहग्यो म्हारै आस पास।