आवै याद
हो अेक पिंजरौ
रैया करता हा
बडा दादो-सा रा मिराजा
बालपणै री समझ पाण
मिऋू राजा - तोताराम
पिंजरै में फगत
खावण-पीवण जांवता
अर
आखै दिन
घर रै चच्यारूंकूंट
आपरी बोली में
दादो-सा री
पढाई पाटी नै
आपरै ही क ठां
सुणायै राखता हा मिऋू राजा
हवळै-हवळै
जद आयी समझ
कै
बडा दादो-सा समझाय दीन्ही
मोकळी बात्यां
जीवण पेटै
हथुगै मिऋू राजा रै
अबै
नीं है बडा दादो-सा
नीं है मिऋू राजा
है तो फगत अर फगत
उणां री समझावण री थाती ।