भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ।
आगै हाल्यौ मिनख जिनावर, पगां ऊभ हाथां खातौ।
आगै हाल्यौ मूढ़ सिकारी, गिंडकां पर लाठी वातौ।
औ जुग जुग हालै मांनखौ, जीवन रौ नांव उछालौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
आगै हाल्यौ वौ नर राकस, मिनख-मिनख नै जिण खायौ।
आगै हाल्यौ वौ खेती खड़, मिनख जोतनै हळ बायौ।
औ पग-पग कांटा भांगतौ, मारग नै कियौ संवाळौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
आगै हाल्यौ भोपौ प्रोयत, कांमण सीख वेद भणनै।
आगै हाल्यौ सूर सिपाई, धाड़ छोड़ राजा बणनै।
ओ जीवै सौ आगै बधसी, मरतोड़ा खावै टालौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
आगै हाल्यौ ब्याज बांणियौ, नाथ घाल राजा खड़नै।
आगै हाल्यौ भील-मुसायब, राज लियौ सस्तर घड़नै।
सगळौ धन भेळौ कीन्हौ, दे अन गाभां रै ताळौ।
भई धीमा मधुरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
अब करसा कारीगर चेत्या, जूथ बांथ आगै बधसी।
अटक करै यारै मारग में, वारां धड़ पल में पड़सी।
इण नित री हळचळ मांयनै, जीवण रौ सार संभाळौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
जनम लियौ सौ डीगौ बधसी, कद ओछौ पड़ पाय नहीं।
बंध तोड़ धरसी सूं निकळै, बीज पताळां जाय नहीं।
औ गयौ रूप कद आवै, रुक जांणै जम रौ जाळौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥
पाछौ पग कुदरत सूं अंवळौ, रुक जावै सौ मरै परौ।
जग जीवत नित आगै हालै, औ कुदरत रौ नेम खरौ।
बीती कद पाछल फोरै, कद बिरखा करै कसालौ।
भई धीमा मुधरा चालौ, पिण आगै आगै हालौ॥