गाम में जोर री छांट आई

जोहड़ा आपस में मिलग्या

बेरो कोनी पड़यो कुणसो कठै है

मेरो जी करै आपां जोहड़ां ज्यूं मिल

ज्यावां

जठै आपणी न्यारी-न्यारी पिछाण गमज्यै।

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : सुनील कुमार
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