थू कैवै—

कानून बणग्यो है

अबै थां-म्हां में

फरक खतम।

बात तो थारी सांची है

पण आछी दांव थूं जाणै कै-

फरक तो है

अर रैसी

किता कायदा

कानून बण जावै

कबूतर-कबूतर हुंवता थकां

धौळिया-धौळिया भेळा अर

काळिया-काळिया भेळा रैसी।

स्रोत
  • सिरजक : नवनीत पाण्डे ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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