लारलै दिनां

जद जावणौ पड़्यौ जैसलमेर

थोड़ै सै आंतरै माथै

दीखै ही जकी जमीन

वा पाड़ोसी देस री ही।

उण खेत मांय

काम करता किरसान

पाड़ोसी देस रा हा।

म्हनैं घणो अचंभो हुयो

उण जमीन

अर इण जमीन मांय

कीं फरक नीं हो

उण खेत रा किरसान

अर म्हारै बिचाळे ईज

कीं फरक नीं हो!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : किशोर कुमार निर्वाण ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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