मुट्ठी में

भींच‘र

दाब्योड़ी

जूण

छिणेक में

सुरसुरा‘र

बण जावै

रेत!

पानां री ओळ्यां में

पळती प्रीत

जोड़ पानैं सूं पानो

हर्यो कर देवै

हेत!

फरक कांई..?

देख.!

अेकै कांनीं

प्राण बिहूणा

दूजै कांनीं

महक!!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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