काळ
छोड़्यो कोनी कीं
किरसै कनै
हाड़ी अर सावणी
बगत सूं पैली ई सूकगी
पण साम्हीं
पींपळ पाणी सूं
सींचीजण लाग रैयो है।
स्रोत
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पोथी : मंडाण
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सिरजक : सतीश छिम्पा
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संपादक : नीरज दइया
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प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी
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- संस्करण : Prtham