समै री आंधियां बाचं'र
परकत आवै सांम्ही
आपरा न्यारा-न्यारा रंग दिखावै
मिनख रै मांयली
सगळी बातां रौ साच
परकत आखै जग नै बतावै।
कठैई तो मिनख पूजै खेजड़ी नै
जिणमें देव विराजै
ओरण रिच्छा री बातां करै,
बातां रीत-प्रीत री
बाता मन री, रीत री
कदैई खेतां ऊभी खेजडी़ सूं
छानैसीक आय घातां करै।
देखै कोनीं मिनख रुंखां री
आन्ख्या रो पाणी
जद फोरै परकत पसवाडा़
कूकारोळो मच जावै
मिनख देखै अर भोगै
पण कीं नीं कर पावै।
अजै ई मिनख जात नै कैवै
परकत रा पसवाडा़
मिनख नै रैवणौ पडै़ला
परकत रै सागै
इणीं'ज मारग चाल्यां
मिनख इण धरती माथै
सुख-चैन सूं रैय सकैला।