पका तिरस नै

पाळ अतिरपत नै

ऊगण दै

कंठा मांय कांटा

धुकण दै

हियै री बोरसी

सुपनां नै

खदबदावण दै

रात नै जागण दो

पीड़ नै पाकण दै

जद'ई तो हुसी

हथाळ्यां मांय चांद

मंजळ पगांतळै

स्रोत
  • पोथी : कंवळी कूंपळ प्रीत री ,
  • सिरजक : रेणुका व्यास 'नीलम' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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